लोकरंग की आंच : सुभाष चन्द्र कुशवाहा

Subhash Chandra Kushwaha's literary works including stories and articles in Hindi which is focussed around social awareness and other issues regarding India.

रविवार, 5 दिसंबर 2010

लोकरंग की आंच : सुभाष चन्द्र कुशवाहा: जातिवाद, मनुष्यता से नफरत करने की मानसिकता है

लोकरंग की आंच : सुभाष चन्द्र कुशवाहा: जातिवाद, मनुष्यता से नफरत करने की मानसिकता है
Posted by सुभाष चन्द्र कुशवाहा at 8:53 pm
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सुभाष चन्द्र कुशवाहा
लखनऊ, उत्तरप्रदेश, India
जोगिया जनूबी पट्टी, फाजिलनगर, कुशीनगर उ०प्र० में जन्में हिन्दी के प्रमुख कथाकार- सुभाष चन्द्र कुशवाहा, लोकरंग सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष हैं। मुख्य रचनाएँ- :कविता सग्रह: आशा, कैद में जिंदगी, साहित्य सदन, इलाहाबाद १९९८, गांव हुए बेगाने अब, मेधा प्रकाशन, दिल्ली २००४, :कथा संग्रह: * हाकिम सराय का आखिरी आदमी, यात्री प्रकाशन, दिल्ली, २००३ * बुचड़खाना, शिल्पायन, दिल्ली, २००६ * कथा में गांव, संवाद प्रकाशन, मेरठ, २००६ * जातिदंश की कहानियां, सामयिक प्रकाशन, दिल्ली, २००९ * होशियारी खटक रही है, अंतिका प्रकाशन, दिल्ली, २०१० :लोकरंग: * लोकरंग-१, सहयात्रा प्रकाशऩ, दिल्ली, २००९ :संपादन कार्य: लोकरंग-1 - लोकसंस्कृतियों के निरूपण का विनम्र प्रयास. * कथा में गांव, संवाद प्रकाशन, मेरठ, २००६ * जातिदंश की कहानियां, सामयिक प्रकाशन, दिल्ली
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